Kisan Suvidha – किसान सुविधा PM Kisan Sarkari Yojna

किसानों के खातों में 20,000 फसल बीमा लाभ जमा होना शुरू हो गया है।rop insurance benefits

crop insurance benefits:महाराष्ट्र के लाखों किसानों के लिए आज बड़ी खुशखबरी है। लगातार प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों के खातों में जल्द ही 2,197 करोड़ रुपये की सहायता राशि जमा कराई जाएगी।

राज्य सरकार ने 2024 खरीफ सीजन में फसल नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से यह राशि स्वीकृत की है। यह वित्तीय सहायता सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा की जाएगी, जिससे मौसम संबंधी अनिश्चितताओं से प्रभावित किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।

बीमा राशि वितरित करने की प्रक्रिया क्या होगी?
सटीक आंकड़ों के अनुसार सरकार ने 2,197.15 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। यह राशि अगले कुछ दिनों में किसानों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। पिछले वर्ष महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भारी बारिश, सूखा और कीटों के प्रकोप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। यह राशि उनके नुकसान की भरपाई के रूप में दी जा रही है।

कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस राशि को पारदर्शी तरीके से वितरित करने के लिए एक विशेष व्यवस्था लागू की जा रही है। यह राशि सीधे प्रत्येक किसान के खाते में डिजिटल रूप से जमा की जाएगी, जिससे बिचौलियों का हस्तक्षेप समाप्त हो जाएगा और पारदर्शिता बनी रहेगी।

कृषि मंत्री का महत्वपूर्ण वक्तव्य
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा, “किसानों का कल्याण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम जल्द ही इस योजना के तहत सभी पात्र किसानों के खातों में बीमा राशि जमा कर देंगे। हम आश्वासन देते हैं कि 31 मार्च, 2025 से पहले पूरी राशि वितरित कर दी जाएगी।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य किसानों को वित्तीय संकट से उबारना है। यह राशि उन्हें अगले सीजन की तैयारी में मदद करेगी। राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।”

देरी के कारण
कई किसानों के मन में यह सवाल था कि फसल बीमा राशि मिलने में इतनी देरी क्यों हो रही है? इस संबंध में कृषि मंत्री ने बताया कि, “कुछ प्रशासनिक कारणों से राशि के वितरण में देरी हुई है। फसल बीमा योजना केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें दोनों शामिल हैं। दोनों सरकारों के बीच समन्वय में समय लगा। इसके साथ ही फसल नुकसान का आकलन, दावों की पुष्टि और पात्र लाभार्थियों की सूची तैयार करने की प्रक्रिया में भी समय लगा।”

अधिकारियों ने बताया कि देरी के बावजूद लाभार्थियों की राशि में कोई कटौती नहीं की जाएगी। यह आश्वासन दिया गया है कि प्रत्येक पात्र किसान को पूरी राशि मिलेगी।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का महत्व
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) केन्द्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। 2016 में शुरू की गई यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, बीमारियों, कीटों या अन्य अप्रत्याशित कारणों से होने वाली फसल हानि के विरुद्ध बीमा कवरेज प्रदान करती है। इस योजना की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसका बहुत कम बीमा प्रीमियम है।

इस योजना के अंतर्गत किसानों को निम्नानुसार बीमा प्रीमियम का भुगतान करना होगा:

खरीफ फसलों के लिए कुल बीमा राशि का केवल 2% प्रीमियम
रबी फसलों के लिए 1.5% किस्त
वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए 5% किस्त
शेष बीमा प्रीमियम का भुगतान केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। इस तरह किसानों पर वित्तीय बोझ कम हो जाता है।

प्रति हेक्टेयर कितनी सहायता प्रदान की जाएगी?
इस योजना के अंतर्गत बीमा राशि फसल के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होती है। इसका अनुमान इस प्रकार है:

यह राशि क्षति की सीमा के आधार पर बढ़ या घट सकती है। यह सुनिश्चित करने का ध्यान रखा जा रहा है कि किसानों को उनके नुकसान के आधार पर उचित मुआवजा मिले।

किस क्षेत्र से किसानों को सबसे अधिक लाभ होगा?
जिन क्षेत्रों में इस वर्ष फसलों को अधिक नुकसान हुआ है, वहां के किसानों को अधिक बीमा राशि मिलेगी। विशेष रूप से:

इन सभी क्षेत्रों में पिछले वर्ष भारी बारिश, बेमौसम बारिश या सूखे के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ।

किसानों को क्या करना चाहिए?
बीमा राशि पाने के लिए किसानों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

अधिकारियों ने कहा, “किसानों को संबंधित तालुका कृषि कार्यालय से संपर्क कर अपने दावे के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। फसल बीमा पोर्टल पर दावे की स्थिति की जांच की जा सकती है। अगर कोई समस्या है तो तालुका स्तर पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।”

बीड जिले के गेवराई तालुका के किसान रमेश पाटिल ने कहा, “पिछले साल भारी बारिश के कारण मेरी सोयाबीन की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी। इस बीमा राशि से हमें अगले सीजन के लिए बीज और खाद खरीदने में मदद मिलेगी। हम पिछले कुछ महीनों से इस मदद का इंतजार कर रहे थे। आखिरकार हमें कुछ राहत मिलेगी।”

Sagar Thakur

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