आज से लाडक्या बहिणी के खाते में 1500 हजार रुपए जमा हो जाएंगे Ladki Bahin Yojana

महाराष्ट्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी ‘लाड़की बहिन योजना’ के लाभार्थियों के लिए आज अच्छी खबर सामने आई है। पिछले कुछ दिनों से इस योजना के लिए पात्रता मानदंडों का सत्यापन किया जा रहा है, कई लाभार्थी महिलाओं ने सवाल उठाया है कि उन्हें फरवरी की किस्त कब मिलेगी।

हालाँकि, अब ये सारी शंकाएँ दूर हो गई हैं और आज से पात्र महिलाओं के बैंक खातों में फरवरी की किस्त जमा होनी शुरू हो गई है। इस घोषणा से राज्य की लाखों महिलाओं को बड़ी राहत मिली है।

5 लाख महिलाएं पात्रता सत्यापन से अयोग्य
महाराष्ट्र सरकार द्वारा हाल ही में किए गए पात्रता सत्यापन के बाद, अब लाड़कीबहिन योजना के संबंध में अधिक स्पष्टता आ गई है। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों के अनुसार, लगभग 5 लाख महिलाओं को इस योजना के लिए अपात्र घोषित कर दिया गया है और उन्हें इससे बाहर रखा गया है। जनवरी 2025 के अंत तक महिला लाभार्थियों की संख्या घटकर 2.41 करोड़ रह गई। उम्मीद है कि फरवरी में और अधिक महिलाएं इस योजना से बाहर हो जाएंगी।

सरकार के संज्ञान में आया कि कुछ महिलाएं अपात्र होते हुए भी इस योजना का लाभ ले रही हैं। हालाँकि, सत्यापन प्रक्रिया के दौरान ऐसी महिलाओं को बाहर रखा गया है। सूत्रों ने बताया है कि इस कार्रवाई से सरकार को करीब 945 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

अयोग्यता के मानदंड क्या हैं?
जिन महिलाओं को लाड़की बहन योजना के लिए अपात्र घोषित किया गया है उनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित श्रेणियां शामिल हैं:

  • उन परिवारों की महिलाएं जिनके पास चार पहिया वाहन है और जो उस पर नियमित रूप से कर अदा करते हैं
  • आयकर देने वाले परिवारों में महिलाएं
  • सरकारी नौकरी में महिलाएँ
  • पचास एकड़ से अधिक भूमि वाले परिवारों की महिलाएं
  • पेंशनभोगी महिला

इन सभी मानदंडों के सख्त सत्यापन के बाद, अपात्र पाई गई महिलाओं को योजना से बाहर कर दिया गया है। इसके बावजूद कुछ अपात्र महिलाओं को अब तक इस योजना के तहत 1500 रुपये प्रतिमाह वितरित किये जा चुके हैं। हालांकि, महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसकी पुष्टि कर स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में ऐसी अपात्र महिलाओं को कोई किस्त नहीं दी जाएगी।

अपात्र महिलाओं से पैसा वापस नहीं लिया जाएगा।
महत्वपूर्ण बात यह है कि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने स्पष्ट कर दिया है कि अब तक अपात्र पाई गई महिलाओं को दी गई राशि वापस नहीं ली जाएगी। “हम उन महिलाओं से धन वापसी की मांग नहीं करेंगे, जिन्हें इस योजना का लाभ गलती से मिल गया है।” मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया, ‘‘लेकिन अब उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।’’

इस निर्णय से अयोग्य ठहराई गई महिलाओं को राहत मिली है। कई लोगों को डर था कि सरकार अब तक दिया गया पैसा वापस मांगेगी। हालांकि, मुख्यमंत्री के स्पष्टीकरण के बाद उन्हें राहत मिली है।

योजना के लिए 3,490 करोड़ रुपये हस्तांतरित
लड़की भिन योजना के लिए राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाले महिला एवं बाल विकास विभाग को 3,490 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। इस कोष से पात्र महिलाओं को नियमित आधार पर 1500 रुपये प्रतिमाह दिये जायेंगे।

विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, “फरवरी की किस्त आज से पात्र महिलाओं के बैंक खातों में जमा होनी शुरू हो गई है। “नियमित पात्रता सत्यापन प्रक्रिया जारी रहेगी, ताकि केवल वास्तविक जरूरतमंद महिलाओं को ही योजना का लाभ मिल सके।”

लड़की बहिन योजना महाराष्ट्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे राज्य में 18 से 60 वर्ष की आयु की महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये सीधे उनके बैंक खातों में जमा कराये जाते हैं।

पिछले साल सितंबर 2024 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह योजना महिलाओं को उनकी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद कर रही है तथा उनकी वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा दे रही है।

लाभार्थी अनुभव
अलीबाग निवासी सुनीता पाटिल (बदला हुआ नाम) को लड़की भाई योजना का लाभ मिल रहा है। वह कहती हैं, “इस योजना से मेरे परिवार को बहुत मदद मिली है। “हर महीने मिलने वाले 1,500 रुपये से मैं अपने बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी खर्चों के लिए कुछ प्रबंध कर सकता हूं।”

पुणे की सीमा शिंदे ने कहा, ‘‘मुझे चिंता थी कि मुझे फरवरी की किस्त मिलेगी या नहीं। यह बड़ी राहत की बात है कि अब किश्त जमा हो जाएगी। “मैं यह पैसा एक छोटा सा व्यवसाय शुरू करने के लिए बचा रहा हूँ।”

अर्थशास्त्री डॉ. शांताराम महाजन के अनुसार, “लड़की बहन योजना वित्तीय समावेशन और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, पात्रता मानदंडों का सख्त कार्यान्वयन आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल वास्तव में जरूरतमंद महिलाओं को ही इस योजना का लाभ मिले।”

समाजशास्त्री डॉ. माधवी कुलकर्णी के अनुसार, “ऐसी योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। “हालांकि, इस योजना के साथ-साथ महिलाओं को रोजगार के अवसर और कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करना भी आवश्यक है, ताकि वे दीर्घकालिक आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त कर सकें।”

महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा, ‘‘लड़की बहनें योजना का लगातार मूल्यांकन किया जा रहा है और तदनुसार आवश्यक सुधार किए जाएंगे। हमारा लक्ष्य इस योजना का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की महिलाओं तक पहुंचाना है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम महिलाओं के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की भी योजना बना रहे हैं, ताकि वे स्वरोजगार शुरू कर सकें और दीर्घकालिक वित्तीय स्वतंत्रता हासिल कर सकें।”

लाड़की बहिन योजना की पात्रता सत्यापन प्रक्रिया के बाद अब केवल वास्तविक जरूरतमंद महिलाओं को ही इस योजना का लाभ मिलेगा। फरवरी माह की किस्त पात्र महिलाओं के बैंक खातों में जमा होनी शुरू हो गई है, जिससे अनेक महिलाओं को बड़ी राहत मिली है।

सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है कि अब तक अयोग्य पाई गई महिलाओं को भुगतान की गई राशि वापस नहीं की जाएगी। हालांकि, यह भी स्पष्ट किया गया है कि अपात्र महिलाएं अब इस योजना का लाभ पाने की पात्र नहीं होंगी।

लाड़की बहनें योजना महिला सशक्तिकरण और वित्तीय समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की महिलाओं के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद कर रही है। हालाँकि, इस योजना के साथ-साथ महिलाओं को रोजगार के अवसर और कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करना भी आवश्यक है ताकि वे दीर्घकालिक आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त कर सकें।

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Sagar Thakur

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